जागरणसंवाददाता,नईटिहरी:आधुनिकमशीनेंऔरबारूदकेधमाकेऋषिकेश-बदरीनाथहाईवेकीतोताघाटीमेंफौलादीचट्टानोंपरबेअसरसाबितहोरहेहैं।लेकिन,नब्बेसालपहलेप्रतापनगरनिवासीठेकेदारतोतासिंहरांगड़कीजीवटतानेइन्हींमजबूतचट्टानोंकोकाटकरतोताघाटीमेंसड़कतैयारकीथी।तबधनकीकमीआड़ेआनेपरतोतासिंहनेनसिर्फअपनीपूरीजमा-पूंजीचट्टानेंकाटनेमेंखर्चकरदीथी,बल्किपत्नीकेजेवरतकबेचडालेथे।उनकीइसजीवटतासेखुशहोकरटिहरीरियासतकेतत्कालीनराजानरेंद्रशाहनेघाटीकानामतोताघाटीरखनेकेआदेशदिएथे।
इनदिनोंऑलवेदररोडनिर्माणकेतहतऋषिकेश-बदरीनाथहाईवेपरतोताघाटीकीविशालकायचट्टानेंअत्याधुनिकमशीनोंकीभीपरीक्षालेरहीहैं।सातमाहतकपसीनाबहानेकेबादएनएचयहांजैसे-तैसेहाईवेकोखोलपायाहै।लेकिन,नब्बेसालपहलेप्रतापनगरकेठेकेदारतोतासिंहरांगड़नेरस्सीऔरसब्बलकीमददसेइसचट्टानीपहाड़कोचुनौतीदेनेकासाहसदिखायाथा।तोतासिंहकेनातीमेहरबानसिंहरांगड़केअनुसारदादाउन्हेंबतातेथेकिशिवपुरीसेआगेमजबूतचट्टानीघाटीहोनेकेकारणकोईभीठेकेदारवहांकामकरनेकोतैयारनहींथा।टिहरीकेराजानरेंद्रशाहनेदादाकोचांदीके50सिक्केदेकरसड़ककाटनेकोकहातोवहतैयारहोगए।उन्होंनेप्रतापनगरकेरौणियागांवसेकरीब50ग्रामीणसाथलिएऔरचट्टानकाटनेकेलिएनिकलपड़े।इसकार्यमेंलगभग70हजारचांदीकेसिक्केखर्चहुए।जिसकीभरपाईदादाकोघरकीसारीजमा-पूंजीऔरदादीरूपदेईकेजेवरबेचकरकी।
चट्टानकाटनेकाकार्यवर्ष1931मेंशुरूहुआऔरइसमेंपूरेडेढ़वर्षलगे।वर्ष1935मेंजबदेवप्रयागतकसड़कबनकरतैयारहोगईतोदादानेराजासेकहाकिउन्हेंइसकाममेंभारीनुकसानहुआहै।इसपरराजानरेंद्रशाहनेदादाकोनसिर्फजमीनदानमेंदी,बल्किघाटीकानामकरणभीउनकेनामपरकरदिया।राजानेदादाको'लाटसाहब'कीउपाधिभीप्रदानकीथी।
सोशलमीडियापरचलरहीमुहिम
तोताघाटीमेंऑलवेदररोडकाकामचलनेकेकारणइनदिनोंसोशलमीडियापरतोताघाटीमेंठेकेदारतोतासिंहकीमूर्तिलगानेकीमुहिमचलरहीहै।तोतासिंहकेस्वजनोंकाभीकहनाहैकितोताघाटीमेंउनकीमूर्तिलगानेकेअलावाएकहवाघरभीबनायाजानाचाहिए।ताकि,भविष्यकीपीढ़ीउनकेयोगदानसेपरिचितहोसके।
आसाननहींहैबिनापरतवालीचट्टानकोतोड़ना
एचएनबीगढ़वालकेंद्रीयविश्वविद्यालय,श्रीनगरकेभूगर्भवैज्ञानिकप्रो.डीएसबागड़ीबतातेहैंकितोताघाटीमेंमैसिवस्टोनकीबिनापरतवालीचट्टानेंहै।बिनापरतकीचट्टानेंबेहदमजबूतहोतीहैं,इसलिएउन्हेंतोड़नेकोअतिरिक्तप्रयासकरनेपड़तेहैं।जबकि,परतवालीचट्टानेंआसानीसेटूटजातीहैं।