जागरणसंवाददाता,फतेहपुर:बारिशकीहरबूंदसहेजेतोकहांजबतालाबहीमिटतेजारहेहैं।एकतोज्यादातरतालाबोंकावजूदहीमिटताजारहाहैजोबचेहैंउनकीजलसंचयनकीक्षमताकमहोतीजारहीहै।पहलेकीबातकरेंतोगर्मीकेमहीनोंमेंतालाबसेलोगमिट्टीनिकालतेथे।कच्चेघरोंकीछतोंमेंतालाबकीसूखीमिट्टी(ढेला)डालेजातेथेऔरउससेतालाबकीगहराईबढ़जातीथीऔरबारिशकापानीइतनीमात्रामेंएकत्रितहोजाताथाकिसालभरपानीभरारहताथा।बदलेहालातोंमेंतालाबोंखरपतवाररहताहैऔरमिट्टीननिकालेजानेसेतालाबइतनेउथलेवछोटेआकारकेहोगएहैंकिजलसंचयनकीक्षमतालगातारकमहोतीजारहीहै।बारिशकेविदाहोतेहीतालाबोंकापानीकमहोनेलगताहै,सितंबरवअक्टूबरमहीनेसेहीतालाबोंकेसूखनेकासिलसिलाशुरूहोजाताहै।जनवरीवफरवरीमहीनेतकस्थितियहरहतीहैकिजिलेकेअस्सीफीसदतालाबोंमेंधूलउड़नेलगतीहै।आंकड़ोंकीबातकरेंतोजिलेमें17हजारसेअधिकतालाबहैउसमेंसेएकहजारतालाबोंकाक्षेत्रफलपांचहेक्टेअरसेअधिककाहै।मनरेगासेतालाबोंकीखोदाईकाकार्यकरायाजाताहैजिसमेंएकसालमेंपूरीसिल्टफिरतालाबोंमेंजमाहोजातीहै।बारिशका80फीसदपानीबहजाताहै
तालाब,झीलऔरछोटीनदियोंमेंजलसंचयनकीक्षमतालगातारकमहोतीजारहीहै।सिल्टजमाहोनेसेतालाबोंकाआकारकमहोताजारहाहै।यहीकारणहैकिबारिशका20फीसदपानीभीभंडारितनहींहोपाता।लघुसिचाईविभागकेसहायकअभियंताएमपीसिंहनेकहाकितालाबोंकीसिल्टहटानेकेसाथखर-पतवारसाफकरजलसंचयनकीक्षमताकोदूनाकियाजासकताहै।कहाकिपहलेगांवोंकेतालाबोंमेंपूरेसालपानीरहताथाअबबारिशकेतीनसेचारमाहबादहीसूखनेलगतेहैं।बोलेग्रामीण
गांवमेंआठसेदसकीसंख्यामेंतालाबथेऔरपूरेसालतालाबोंमेंपानीरहताथा।अबतोतालाबोंमेंलोगकूड़ाडालकरपाटरहेहैं।ऐसेमेंपानीकाठहरावनहींरहता।
कैलाशसोनकर,मदुरीज्यादातरघरपक्केहोजानेसेतालाबोंसेमिट्टीनिकालनाबंदहोगयाहै।तालाबइतनेउथलेहोगएहैकितीनमहीनेसेअधिकपानीटिकताहीनहींहै।सरकारीखोदाईमेंखानापूरीहोतीहै।
चंद्रभूषण,खासमऊमनरेगासेतालाबोंकीखोदाईतोकराईजातीहैलेकिनखोदीगई।मिट्टीतालाबकेचारोओरडालदेनेसेबारिशमेंमिट्टीबहकरतालाबमेंभरजातीहैऔरतालाबमेंपानीभरनेकीक्षमताकमहोजातीहै।
शिवभूषणसिंह,मदुरीतालाबोंकीकमहोरहीसंख्याचिताकाविषयहै,क्षेत्रकेज्यादातरतालाबोंमेंस्थायीकब्जाहोगयाहै,जंगलकेतालाबोंमेंतोकब्जाकरलोगोंनेखेतीशुरूकरदीहै।जलसंचयनकेलिएतालाबखालीकराएजानेचाहिए।
नारेंद्रकुमार,महिचामंदिर