सीने पर तीन गोली लगने के बाद भी लश्कर आतंकियों से लड़ते रहे थे सुबोध

डा.प्रणेश,साहिबगंज:15जनवरीकोथलसेनादिवसमनायाजाताहै।सीमापरलड़तेहुएबलिदानदेनेवालेजवानोंकोयादकियाजाताहै।साहिबगंजकेकईजवानोंनेदेशकेलिएबलिदानदियाहै।इनमेंसेएकहैंसुबोधसिंह।सदरप्रखंडकेशोभनपुरभट्ठागांवकेस्व.बलभद्रसिंहकेपुत्रसुबोधसिंहनेअपनेशौर्यसेसाहिबगंजकानामरोशनकिया।जम्मू-कश्मीरमेंआतंकियोंसेलड़तेहुएतीननवंबर2001कोउन्होंनेअपनाबलिदानदियाथा।लश्करआतंकियोंसेहुईमुठभेड़मेंउनकेअलावाउनकेपांचसाथीभीशहीदहुएथे।सुबोधनेसीनेपरतीनगोलियांखाईथीं,मगरवेपीछेनहींहटे,दिलेरीसेअंतिमसांसतकलड़तेरहे।नतीजाआतंकीआगेनहींबढ़सकेऔरभागनेकोमजबूरहोगए।बलिदानीसुबोधकीपत्नीमंजूसिंहनेबतायाकिवे1983मेंसेनामेंभर्तीहुएथे।18सालदेशकीसेवाकी।उन्हें36आरआरबटालियनमेंपोस्टिगदीगईथी।इसमेंचयनितजवानोंकोहीरखाजाताथा।तीननवंबर2001कोकश्मीरकेअनंतनागमेंआतंकियोंसेमुठभेड़हुई।इसलड़ाईमेंवेवीरगतिकोप्राप्तहुए।मगरउनकीदिलेरीकीआजभीचर्चाहोतीहै।उनकेसीनेपरतीनगोलियांलगीथीं।मगर,घायलहोनेकेबादभीवेदुश्मनोंसेलड़तेरहे।नतीजाआतंकियोंकादस्तापीछेहटनेकोमजबूरहोगया।दोनोंबेटोंनेपूराकियापिताकासपना:

मंजूकहतीहैंकि1990मेंशादीहुईथी।जबपतिनेबलिदानदियातबबड़ाबेटाअमनछहसालऔरदूसराअंकितसिंहतीनसालकाथा।मेरीतोदुनियाहीउजड़गईथी,मगरउनकेसपनोंकोसाकारकरनेकेलिएबच्चोंकीतालीमकेलिएजुटगई।पतिकीइच्छाथीकिबेटेडाक्टरवइंजीनियरबनें।दोनोंबेटोंनेसपनोंकोपूराकिया।संतजेवियर्सस्कूलमेंप्रारंभिकपढ़ाईकेबादवेदिल्लीपढ़नेकेलिएगए।बड़ाबेटाअमनइंजीनियरिगकरनौकरीकररहाहै,छोटाबेटाअंकितबेंगलुरुकेविक्टोरियामेडिकलकालेजमेंपढ़रहाहै।

राज्यसरकारनेदीथीमंजूकोनौकरी:बलिदानीकीपत्नीमंजूकोराज्यसरकारने16सितंबर2005कोक्लर्ककीनौकरीदी।वेसाहिबगंजब्लाकमेंकामकरतीहैं।शहरकेजयप्रकाशनगरस्थितसकरोगढ़मेंरहतीहैं।राजमहलसेविधायकअनंतओझानेशहीदस्मारकसकरोगढ़चौकपरबनवायाहै।मंजूकहतीहैंकिबीतेदिनयादकरतीहूंतोआंखेंभरजातीहैंलेकिनबच्चोंकोदेखगमछिपालेतीहूं।बलिदानीकेभाइयोंनेभीसेनामेंदीसेवाएं:

स्व.बलभद्रसिंहकेबड़ेपुत्रमनोजकुमारसिंहखेतीमेंपिताकोसहयोगकरतेथे।दूसरेमनोजकुमारसिंहसेनासेसेवानिवृत्तहोनेकेबादपरिवारकेसाथरहरहेहैं।तीसरेसुबोधसिंहथे।चौथेअजयकुमारसिंहभीसेनासेसेवानिवृत्तहोकरदिल्लीमेंएककंपनीमेंकामकररहेथे।दोसालपूर्वएकसड़कहादसेमेंउनकीमौतहोगई।