'श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ हुई नाइंसाफी, जितने बड़े विद्वान थे उससे कम आंके गए...', जितेंद्र सिंह ने गिनाईं उपलब्धियां

नईदिल्लीवीरसावरकरकोलेकरजारीचर्चाकेबीचकेंद्रीयमंत्रीजितेंद्रसिंहनेअबश्यामाप्रसादमुखर्जीकाजिक्रकियाहै।उन्‍होंनेरविवारकोकहाकिभारतीयजनतापार्टी(BJP)केविचारकश्यामाप्रसादमुखर्जीवास्तविकतासेकमआंकेगएविद्वानथे।उनकीशिक्षाविदकेतौरपर‘शानदारभूमिका’कोब्रिटिशशासकोंनेस्वीकारकिया।‘डॉ.श्यामाप्रसादमुखर्जीएवंउच्चशिक्षामेंउनकायोगदान’विषयपरऑनलाइनअकादमिकव्याख्यानदेतेहुएसिंहनेउन्हें‘ऐसाप्रतिभाशालीबालक’बतायाजोबहुमुखीमेधाकेसाथबड़ेहुए।महज52-53सालकीछोटीजीवनअवधिमेंइतनाकुछहासिलकरलिया।BJPकेराष्ट्रीयपदाधिकारियोंकीसोमवारकोबैठक,नड्डाकरेंगेअध्‍यक्षता,एजेंडेमेंचुनावऔरकिसानआंदोलनसिंहनेकहाकिजबदेशमेंबहुतकमविश्वविद्यालयथेऔरउनमेंसेज्यादातरब्रिटिशनियंत्रणमेंथेऔरज्यादातरमेंब्रिटिशअध्यापकथे,तबवहमहज34सालकीउम्रमेंकलकत्ताविश्वविद्यालयकेकुलपतिबने।उन्होंनेदेशकेविभिन्नविश्वविद्यालयोंमें22दीक्षांतभाषणदिए।कार्मिकराज्यमंत्रीनेकहा,‘मुखर्जीवास्तविकतासेकमआंकेगएविद्वानथेऔरइतिहाससार्वजनिकजीवनमेंउनकेयोगदानकेसंबंधमेंउनकेसाथन्यायनहींकरपाया...वहींअकादमिकविद्वानकेतौरपरउनकीशानदारभूमिकाकोभीसमुचितढंगसेस्वीकारनहींकरउनकेसाथनाइंसाफीकीगई।जबकिइसेब्रिटिशशासकोंनेस्वीकारकरलियाथा।’चीनयाअमेरिकामेंकौनसुपरपावर?हाइपरसोनिकमिसाइलपरओवैसीनेदागासवालसिंहने1936मेंमुखर्जीकीओरसेनागपुरविश्वविद्यालयकेदीक्षांतसमारोहमेंदिएगएभाषणकाहवालादियाजहांउन्होंनेकहाथा,‘भारतमुख्यतौरपरइसलिएपिछड़गयाक्योंकिउसकेलोगअहमघड़ीमेंविभाजितऔरअसंगठितथे।’मंत्रीनेकहाकिअपनेराजनीतिकविचारमेंभीमुखर्जीअकादमिकचिंतनसेप्रेरितथेऔरयहउनकेनारे‘एकनिशान,एकविधान,एकप्रधान’मेंपरिलक्षितहुआ।इसकेखातिरउन्होंनेअपनाबलिदानदिया।