संवादसूत्र,दोदा(श्रीमुक्तसरसाहिब)
गांवलूंडेवालामेंवाटरवर्क्सकेकर्मियोंकीलापरवाहीसेदूषितपानीहीसप्लाईहोरहाथा।लुंडेवालामेंघरजानेवालीपेयजलकीपाइपमेंहीमेढकमरकरफूलगया।गांवलुंडेवालाकेकुलवीरसिंहनेबतायाकिउनकेघरमेंपहलेतोपानीसहीआताथा।लेकिनएकदोदिनसेपानीसहीनहींआरहाथा।जबपानीकमआनेलगातोइसकेबारेमेंजांचकीतोटूटीकीमेनपाइपमेंमेढकफंसाहुआपायागया।जिसकारणपानीसेबदबूआनेलगीथी।उन्होंनेइससंबंधमेंतुरंतहीवाटरवर्क्सविभागकोबतादतिया।वहकहनेलगेकिपाइपसेमेंढकनिकालनेकीउनकीकोईजिम्मेदारीनहींहै।वहइसबारेमेंआनाकानीकरनेलगे।उसनेखुदहीवहमेढकवहांसेनिकालदिया।उधरपंपआपरेटरगुरजंटसिंहकाकहनाथाकिजलघरटंकीकेनीचेवॉल्वखुलारहगयाथाजहांसेइसमेंमेंढकघुसगयाहोगा।
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