निक्कियां जिदां, वड्डा साका की गवाह है फतेहगढ़ साहिब की महान धरती

सुखवीरसुख,फतेहगढ़साहिब:निक्कियांजिदां,वड्डासाका..दशमपिताश्रीगुरुगोबिदसिंहजीकेछोटेसाहिबजादेबाबाजोरावरसिंहजीऔरबाबाफतेहसिंहजीकीशहादतकोजबभीयादकियाजाताहैतोसिखसंगतकेमुखसेयहलफ्जहीबयांहोतेहैं।क्योंकिछोटीसीआयुमेंधर्मकीरक्षाकेलिएदीकुर्बानीकीमिसालदुनियामेंकहीऔरनहींमिलतीहै।

छोटेसाहिबजादेबाबाजोरावरसिंह,बाबाफतेहसिंहऔरमातागुजरीजीकीमहानशहादतकीगवाहफतेहगढ़साहिबकीपवित्रधरतीपर26दिसंबरसेसंगतगुरुद्वाराश्रीफतेहगढ़साहिब,गुरुद्वाराश्रीज्योतिस्वरूपसाहिबमेंउनकीमहानशहादतकोश्रद्धासुमनअर्पितकरनेकेलिएपहुंचेगी।धर्मकीरक्षाकेलिएदुनियाकीसबसेअजीमवमहानशहादतकीयादमेंफतेहगढ़साहिबमेंतीनदिवसीयशहीदीसभा26से28दिसंबरतकफतेहगढ़साहिबमेंभरेगी।गुरुद्वाराश्रीफतेहगढ़साहिबउसमहानशहादतकीयादगारहै,छोटेसाहिबजादेबाबाजोरावरसिंहउम्रलगभगनौवर्षऔरबाबाफतेहसिंहकीउम्रलगभगसातवर्षथी।जिन्हेंमुगलहाकमनवाबवजीरखांकेआदेशपरगुरुद्वाराश्रीफतेहगढ़साहिबकेभौरासाहिबमेंजिदादीवारोंमेंचिनवादियागयाथा।

इतिहासकहताहैकिसिरसानदीपरगुरुगोबिदसिंहजीसेविछड़करजबमातागुजरीजीऔरछोटेसाहिबजादेगंगूब्राह्मणकेसाथउसकेगांवखेड़ीपहुंचेतो,माताजीकेपाससोनेकीमोहरेंदेखकरउसकीनीयतबदनीतहोगई।तभीरातकोउसनेवहसोनेकीमोहरेंचुराली।अगलीसुबहमाताजीकेपूछनेपरगुस्सेमेंआतेहुएगंगूब्राह्मणनेमाननेकीबजाएमाताजीवछोटेसाहिबजादोंकीसूचनामोरिडाकोतवालीमेंदेदी।जहांपरमुगलोंनेउन्हेंगिरफ्तारकरलिया।गिरफ्तारकरनेकेबादतीनदिनछोटेसाहिबजादोंकोठंडेबुर्जमेंकैदकियागया।जहांसेसरहिदकेनवाबकीकचहरीमेंपेशकरउन्हेंसिखधर्मछोड़इस्लामकबूलकरनेकेलिएकईप्रकारकेलालचदिएगए,लेकिनसाहिबजादेअपनेवचनोंपरअडोलरहे।जिसकेउपरांतदोनोंसाहिबजादोंबाबाजोरावरसिंहऔरबाबाफतेहसिंहजीकोभौरासाहिबकेस्थानपर13पोह1704कोजिदादीवारोंमेंचिनवादियागयाथा।

नगरकीर्तनउपरांतहोतीहैशहीदीसभासंपन्न

साहिबजादोंद्वारादीगईमहानशहादतकोश्रद्धासुमनअर्पितकरनेकेलिएअबगुरुद्वाराश्रीफतेहगढ़साहिबमेंतीनदिवसीयशहीदीसभालगतीहै।जिसकेपहलेदोदीवानोंपरफतेहगढ़साहिबमेंजगह-जगहपरसंगतकीओरसेधार्मिकदीवानसजाएजातेहै।तीसरेदीवानमौकेगुरुद्वाराश्रीफतेहगढ़साहिबसेएकविशालनगरकीर्तनसजायाजाताहै,जोकिगुरुद्वाराश्रीज्योतिस्वरूपसाहिबपहुंचकरसंपन्नहोताहै।

ਪੰਜਾਬੀਵਿਚਖ਼ਬਰਾਂਪੜ੍ਹਨਲਈਇੱਥੇਕਲਿੱਕਕਰੋ!