संवादसहयोगी,ढांड:बाबूअनंतरामजनताकालेजकौलमेंशनिवारकोदीक्षांतसमारोहआयोजितकियागया।इसकार्यक्रमकीअध्यक्षताप्रबंधनसमितिकेप्रधानएवंपूंडरीहलकाकेपूर्वविधायकतेजवीरसिंहनेकी।समारोहकासफलसंयोजनकमलेशरानीकेनेतृत्वमेंहुआ।दीक्षांतसमारोहमेंकुरुक्षेत्रविश्वविद्यालयकुरुक्षेत्रकेकुलपतिप्रो.सोमनाथसचदेवानेमुख्यातिथिकेरूपमेंशिरकतकी।सबसेपहलेकुलपतिनेपूर्वस्पीकरस्व.ईश्वरसिंहकीसमाधिपरपुष्पअर्पितकिए।तत्पश्चातप्राचार्यडा.ऋषिपालनेकालेजकेशैक्षणिकवगैर-शैक्षणिकस्टाफसेपरिचयकरवाया।सभागारमेंपहुंचनेपरदीपप्रबोधनएवंसरस्वतीवंदनासेकार्यक्रमकाशुभारंभकिया।प्राचार्यडा.ऋषिपालनेकुलपतिकेजीवन,संघर्षवप्रशासनिकअनुभववकालेजगतिविधियोंएवंउपलब्धियोंकेबारेविस्तारसेबताया।
कुलपतिनेछात्रोंकोसंबोधितकरतेहुएकहाकिआपसभीकेलिएयहएकनिर्णायकक्षणहै,औरयहएकउत्सवकादिनहै।एकऐसादिनजबआपअपनेद्वारादूरकीगईअनेकोंचुनौतियोंकोपीछेमुड़करदेखतेहैऔरविचारकरतेहैकिअबतकहमनेक्यापाया।
उन्होंनेकहाकिआजकेयुवामेंहीकलकेआदर्शप्रबंधन,शिक्षक,नेता,वकीलऔरकलाकारनिकलेंगे।कुलपतिनेसभीविद्यार्थियोंकोडिग्रीदेकरसम्मानितकिया।उपाधिमिलतेहीछात्रगदगदहुएऔरउनकेचेहरेखिलउठे।प्रबंधकसमितिकेप्रधानतेजवीरसिंहवप्राचार्यनेकुलपतिकोबांसकेपौधवस्मृतिचिन्हदेकरसम्मानितकिया।कार्यक्रमकेअंतमेंतेजवीरसिंहनेकुलपतिकाआभारप्रकटकियाऔरछात्रोंकेउज्जवलभविष्यकीकामनाकी।कार्यक्रमकासमापनराष्ट्रीयगानकेसाथकियागया।मंचसंचालनडा.संदीप,कोमलरानी,डा.राधिकाखन्नाऔरडा.नैंसीगुलाटीनेकिया।इसमौकेपरप्रबंधकसमितिकेउपप्रधानमेहरसिंह,महासचिवकंवरसिंह,कोषाध्यक्षकर्मसिंह,सुलतानसिंह,ईश्वरसिंह,बलबीरसिंह,चमेलसिंह,प्रर्वप्राचार्यडा.एमएसखांची,पूर्वप्राचार्यडा.बलबीरसिंहमौजूदथा।