बहराइच:मेरीओरगौरसेदेखिए!मैंजलकुंभीमेंजकड़ा300वर्षपुरानाधार्मिकआस्थाकाप्रतीकसागरनाथशिवमंदिरकाऐतिहासिकसरोवरहूं।वर्षोंपहलेमेरेनिर्मलपानीसेआचमनकरमंदिरमेंपूजा-अर्चनाकरनेवालेश्रद्धालुअबमेरीओरनहींझांकरहे।जलकुंभीनेमुझेजकड़रखाहै।मेरीसिसककिसीकोसुनाईनहींदेरही।
लगातारघटरहेभूगर्भजलस्तरकोठीककरनेवजलसंचयनकरनेकोलेकरमकानोंमेंवाटरहार्वेस्टिग,सोकपिटकानिर्माणवतालाबोंकेनिर्माणसेलेकरनितनएप्रयोगआजमाएजारहेहैं।मनरेगायोजनासेसैकड़ोंतालाबगढ़ेगए।कुछतालाबोंकाजीर्णोद्धारकरायागया।बावजूदइसकेमेरीओरकिसीकाध्याननहींहैं।
तहसीलक्षेत्रकेफखरपुरब्लॉककेराजारेहुआकेसगरागांवस्थितसागरनाथशिवमंदिरक्षेत्रकेलोगोंकेलिएआस्थाकाकेंद्रहै।इसकीदीवारसेसटातकरीबनतीनएकड़मेंमेराफैलावहै।मेराइतिहासराजघरानेसेजुड़ाहै।बुजुर्गबतातेहैंकिएकबारसूखापड़नेपरतत्कालीनराजानेहमारीखोदाईकराई।एकबड़ेक्षेत्रफलमेंविस्तारहोनेकेकारणभीषणगर्मीकेमौसममेंभीपानीसेमैंलबालबभरारहताथा।
मंदिरपहुंचनेवालेश्रद्धालुपहलेमेरेपानीसेआचमनकरतेथे।उसकेबादमंदिरमेंप्रवेशकरपूजा-अर्चनाकरतेथे।बदलतेपरिवेशमेंनिरंतरउपेक्षाकाशिकारबननेसेअबमेरेसामनेअस्तित्वकासंकटखड़ाहोगयाहै।चारोंओरबड़ी-बड़ीझाड़ियांउगआईहैंऔरहृदयमेंजलकुंभीकासाम्राज्यफैलाहै।इनकाकहनाहै..
मंदिरकेप्रबंधकशिवरामत्रिपाठीनेबतायाकियदितालाबकीगहराईबढ़ाकरसुंदरीकरणकरादियाजाएतोजलसंचयनकेसाथमंदिरपरिसरकीसुंदरतामेंभीचारचांदलगजाएंगे।श्रद्धालुमल्हूसिंहकाकहनाहैकितालाबकेसंरक्षणकेलिएजनप्रतिनिधियोंएवंअधिकारियोंकोआगेआनाचाहिए।
तालाबकेसुंदरीकरणकेलिएउच्चाधिकारियोंसेपत्राचारकियाजाएगा।साफ-सफाईकराकरपानीकीउपलब्धतासुनिश्चितकरानेकेलिएहरसंभवकदमउठाएजाएंगे।
-एसएनत्रिपाठी,उपजिलाधिकारीमहसी