जिदगी गुजारने के लिए रोज उफनाती नदी को पार करते हैं किसान

लखीमपुर:शारदानदीकेकिनारेबसेदर्जनोंगांवोंकेलोगोंकाहरदिनमौतसेसामनाहोताहै।कारणयहहैकिइनगांवोंकेरहनेवालेकिसानोंकीकृषियोग्यभूमिशारदानदीकेउसपारहै।नदीकेउसपारखेतीकरनेजानेकेलिएनावहीएकमात्रसाधनहै।किसानकोयदिखेतीदेखनेजानाहोतोउसेयातोनावसेयाफिरनदीकोतैरकरपारकरनापड़ताहैलेकिन,नदीपारसेफसलोंकोलानातथाउनफसलोंमेंखादबीजआदिलेजानेकेलिएकिसानोंकोशारदानदीकेतेजबहावकोपारकरनाहीपड़ताहै।सामान्यसीजनमेंजिसजगहपानीकमहोताहैवहांबैलगाड़ीसेभीकिसाननदीकोपारकरतेहैंलेकिन,इससमयनावहीएकमात्रसहाराहै।नदीपारकरतेसमयहरवर्षकोईनकोईहादसाहोतारहताहैलेकिन,पेटकोपालनेवपरिवारकेभरण-पोषणकेलिएकिसानोंकोयहसबकरनापड़ताहै।नदीकेकिनारेबसेगांवढकियाकेकिसानबतातेहैंकिनदीपारखादबीजआदिलेजानाउनकीमजबूरीहै।इसलिएनदीमेंजबपानीआजाताहै,तोनावकासहारालेतेहैंनहींतोजहांघाटपरपानीकमहोताहै।वहांबैलगाड़ीयाफिरतैरकरअपनेखेतोंकीनिगरानीकेलिएजातेहैं।लेकिनचौमासमेंनदीपारकरनासीधेमौतसेसामनाकरनेजैसाहोताहै।क्योंकिचौमासकेमहीनोंमेंनदीकाउफानतेजहोजाताहैजिससेखतराबढ़जाताहै।नदीमेंपानीकमहोयाज्यादालोगअपनीजिदगीकोदांवपररखहररोजखेतोंमेंजातेहैं।इसकेचलतेहमेशाअनहोनीकीआशंकाबनीरहतीहै।शारदानदीकेकिनारेबसेगांवोंकेकिसानोंकीलगभगएकतिहाईजमीनशारदानदीकेउसपारहै।किसानोंकोखेतीकरनेकेलिएनदीसेहोकरनिकलनाहीपड़ताहै।

नहानेगईकिशोरीनदीमेंडूबीग्रामसरगड़ामेंनहानेकेलिएनदीमेंगईकिशोरीकीडूबकरमौतहोगई।स्थानीयग्रामीणोंनेहीखोजकरउसकाशवबरामदकरलियाहै।तहसीलदारअनिलयादवकेमुताबिकग्रामनिवासीमाताप्रसादकीपुत्रीअर्चना(12)सहेलियोंकेसाथगांवकेपासशारदानदीकेकिनारेगईथी।जलस्तरबढ़ाहुआहैइसलिएइनबच्चोंकोगहराईकाअनुमाननहींरहा।गहरेपानीमेंपहुंचगईअर्चनानदीकेतेजबहावमेंफंसकरडूबगई।