इराक में मारे गए भारतीयों के घरवालों ने बयां किए अपने दर्द

अमृतसर:इराकमेंआईएसआईएसकेहाथोंमारेगए39भारतीयोंमेंसेअमृतसरऔरतरणतारणजिलोंकेआठलोगथेऔरउनकीमौतकीखबरनेउनकेपरिवारोंपरगमकापहाड़तोड़दियाहै.हरआंखनमहैऔरबेबसदिलकीयहउम्मीदभीआजटूटगईकिउनकेअपनेएकदिनवापसलौटआएंगे.इस्लामिकस्टेटआतंकीसमूहद्वारा2014मेंअगवा39लोगोंमेंशामिलइनआठलोगोंकेबारेमेंअबतकअनिश्चितताबनीहुईथी.परिवारोंनेअबभीउनकेजीवितवापसलौटनेकीउम्मीदनहींछोड़ीथी.

विदेशमंत्रीसुषमास्वराजनेआजसंसदकोसूचितकियाकिआईएसआईएसद्वाराअगवा39लोगमारेजाचुकेहैं.इसकेसाथहीउनकेपरिवारोंकीअपनेबिछड़ेप्रियजनसेएकबारफिरमिलनेकीउम्मीदएकझटकेसेखत्महोगयी.गुरविंदरकौरअपनेभाईकेदुर्भाग्यऔरउनपरआईआपदाकोयादकरतेहुएरहरहकरफफकपड़तीहैं.

मेहतागांवकीरहनेवालीगुरविंदरनेरूंधेगलेसेबतायाकिउनकाभाईमनजिंदरसिंहरोजगारकेलिएइराकगयाथा.उन्होंनेबताया,‘‘एकदिनमेरेभाईनेइराकसेमुझेटेलिफोनपरबतायाकिवहफंसगयाहैऔरआतंकीगतिविधियोंकीवजहसेउत्पन्नअप्रत्याशितपरिस्थितियोंकेकारणउसकावहांसेनिकलनामुश्किललगरहाहै.’’गुरविंदरनेबतायाकिइनसालमेंभारतसरकारनेउनसेसहानुभूतिसेबातकरनेकेअलावाऔरकुछभीनहींकिया.’

पिछलेसालअक्तूबरमेंपंजाबीमूलकेआठलोगोंकेरिश्तेदारोंनेअमृतसरकेसरकारीचिकित्सामहाविद्यालयमेंअपनेडीएनएकेनमूनेदियेथेताकिआवश्यकतापड़नेपरउनकामिलानइराकमेंफंसेभारतीयलोगोंकेसाथकियाजासके.उससमयउनलोगोंकोशायदहीयहपताहोगाकिमहजपांचमाहकेअंदरउनकीसबसेडरावनीआशंकासहीसाबितहोजाएगी.

तरणतारणजिलेकेमनोचहलगांवकीबलविंदरकौरभीअपनेआंसूछिपानेकीनाकामकोशिशकरतीनजरआईं.मृतघोषित39लोगोंमेंउनकाबेटारणजीतसिंहभीशामिलथा.उन्होंनेकहा,‘‘एकमांकेलिएअपनीऔलादकोखोनेसेबड़ाकोईगमनहींहोता...कोईभीभारतीयअधिकारीयहबतानेकीहालतमेंनहींथाकिआखिरमेरालालकहांहैऔरकिसहालमेंहै.’’अमृतसरजिलेकेजलालुसमागांवकीगुरमीतकौरनेकहाकिउन्हेंफोनकॉलकेजरियेइसबातकीजानकारीदीगईकिउनकाभाईगुरचरणसिंहइराकमेंबुरेहालातमेंफंसगयाहै.गुरमीतनेकहाकिकिसीनेउन्हेंयहनहींबतायाकिउसकाभाईमरगयाहैयाजिंदाहै.आजउन्हेंइसबातकीजानकारीदीगयी.

दोनोंजिलोंकेप्रशासननेबतायाकिइराकमेंमारेगएलोगोंमेंनिशानसिंह,रणजीतसिंह,हरसिमरनसिंह,मनजिंदरसिंह,गुरुचरणसिंह,सोनू,जतिंदरसिंहऔरहरीशकुमारशामिलहैं.