हिदी का विरोध करने वाला तू सच्चा हिन्दुस्तानी नहीं..

अखिलभारतीयकविसम्मेलनमेंहास्य-व्यंग्यकाजलवा

असम,यूपी,हैदराबाद,पश्चिमबंगालऔरबिहारकेकवि-कवयित्रीहुएशामिल

------------------फोटो-13-------------------------संसू,हिसुआ:हिदीकाविरोधकरनेवालातूसच्चाहिन्दुस्तानीनहींहैजैसीपंक्तियोंसेशुक्रवारकीदेरशामअखिलभारतीयकविसम्मेलनमेंबिहारकेव्यंग्यकीगूंजरही।हिदीपखवारेकेमौकेपरआयोजितकाव्यरसधारामेंबिहारसेउपस्थितरहेहिसुआकेउदयकुमारभारतीनेहिदीकीगरिमा,क्षेत्रियभाषाओंकीउपेक्षाऔरभाषाईएकताकेसंदेशलिएव्यंगवाणचलाया।नवादाऔरहिसुआकेलोगइसऑनलाइनलाइवकोफेसबुकऔरयूट्यूबसेदेखरहेऔरकमेंटकररहेथे।तारांजलिफाउंडेशनगाजियाबादकेकाव्यरसधाराकेकाव्योत्सवमेंअसम,नोएडा,हैदराबाद,पश्चिमबंगाल,हरियाणाकेकविऔरकवयित्रीशामिलहुएथे।कार्यक्रमकीशुरूआतफाउंडेशनकीअध्यक्षाशैलजासिंहकेकविपरिचयऔरगीतसेहुआ।शैलजासिंहनेइसदौरनेकितनोंकोबदलनासीखादियाजोडगमगारहेथेउन्हेंसंभलनासीखादियासेसमयऔरसृजनकीशक्तिकोरेखांकितकिया।हैदराबादकीराजभाषासहायकनिदेशडॉ.अर्चनापांडेयनेविद्वताभरीपंक्तियोंकेसाथमंचसंचालनकिया।सरस्वतीबंदना,हिन्दीकीगरिमाऔरनारीशक्तिवसीताकीअग्निपरीक्षासेगुजरतीकंगनाकेपक्षकीकविताओंसेसबकोप्रभावितकिया।पूर्वोत्तरअसमकीरीतासिंहसर्जनानेपूर्वाईबिहुगाकरसबकोलुभाया।जियासबकेलिएहरपलकभीमांगानहींकुछकवितासेप्रभावरखातोहांमैंएकमजदूरहूं,मेरीदिहाड़ीपरटिकीरहतीपेटकोबुझानेवालीउम्मीदेंसेमजदूरकेदर्दकोरखा।उत्तरप्रदेशगोरखपुरवनोएडाकेडॉ.शीशपाठकने-हेप्रखरराष्ट्रकेदीपक,अंतिमक्षणतकलड़नाकाव्यपंक्तिसेहौसलाऔरजीवनकीआशाओंकोरेखांकितकिया।साथहीमेहनतकशोंकीजिन्दगीकीजद्दोजहदपरप्रभावशालीपंक्तियांकही।पश्चिमबंगालकीअनीमामंडलनेहंसगुल्लेसेसबकोंहंसाया,लुभाया।दिलेनादांकीदवाहूंमैं,इश्ककरनेकीअदाहूंमैंकीपंक्तियोंसेप्रेमफुहारबरसाई।अपनीआशुकविप्रतिभाकोदिखातेहुएसभीकवि-कवयित्रियोंपरहीहास्य-वाणचलादिया।व्यंग्यकारउदयभारतीनेहिन्दीऔरक्षेत्रियभाषाकीउपेक्षाऔरभेदपरप्रहारकिया।अंतमेंसभीकीओरसेअर्चनापांडेयनेबेहतरसंयोजनकेलिएतारांजलिकेसंरक्षकडॉ.तारासिंहअंशुल,अध्यक्षासैलजासिंह,सचिवसुनीतासिंहसहितसभीदेखने,लाइकऔरकमेंटकरनेवालेलोगोंकोधन्यवाददिया।