राजनारायणसिंह,अलीगढ़।पौधोंकेप्रतिसुधीरकुमारकीसंजीदगीकाबिलेतारीफहै।उन्होंनेहाईवेकेकिनारे100केकरीबपौधेलगाएहैं,उन्हेंप्रतिदिनपानीदेनेजातेहैं।चूंकिघरसेहाईवेकीदूरीअधिकहै,इसलिएबोतलोंमेंपानीभरकरवोसाइकिलसेपहुंचतेहैं।लगातारदोसालकाअथकप्रयासरंगलाया।पौधे15फुटलंबेहोगएहैं।वहकहतेहैंकिपौधोंकोबड़ाहोतेदेखकरदिलबाग-बागहोजाताहै।
फैक्ट्रीमेंकामकरतेहैंसुधीर
पलारोडनिवासीसुधीरकुमारशर्माजेलरोडस्थितएकफैक्ट्रीमेंकामकरतेहैं।12वींतकउन्होंनेपढ़ाईकीहै।वोबतातेहैंकिबचपनसेहीउन्हेंपौधेलगानेकाशौकथा,मगरपढ़ाईकेदौरानउन्हेंमौकानहींमिलसका।बचपनकीइसकसककोहरसमयपूराकरनेकीकोशिशकियाकरतेथे।वोसाइकिलसेप्रतिदिनफैक्ट्रीजातेथे।मनमेंख्यालआताथाकिपौधेलगाएकहांजाएं,जिससेवोपनपसकें।क्योंकिमामूलीनौकरीमेंवोपौधेतोखरीदसकतेथे,मगरउनकीसुरक्षाकेलिएट्री-गार्डआदिनहींलेसकतेथे।दोसालपहलेवहसाइकिलसेजीटीरोडकीतरफनिकलरहेथे,तभीउन्हेंपनेठीकीतरफअलीनगरकेपासकुछट्री-गार्डदिखाईदिए।उसमेंपौधेसूखगएथे।उन्होंनेउन्हींट्रीगार्डोंमेंपौधेलगानेकानिर्णयलिया।हररोजचार-पांचपौधेलगानेशुरूकरदिए।एकमहीनेमेंहाईवेकेकिनारे100सेअधिकपौधेलगादिए।मगर,वहांपानीकीकोईसुविधानहींथी।
सातकिमीदूरलेजातेहैंपानी
सुधीरनेबतायाकिउन्होंनेअपनेघरसेपानीलानेकीतैयारीकी।घरसेहाईवेकीदूरीसातकिमीथी।इसलिएबाल्टीयाड्रमसेपानीभरकरलेजानासंभवनहींथा।इसलिएउन्होंने20केकरीबदो-दोलीटरकीप्लास्टिककीबोतलेंएकत्रकीं।उसमेंपानीभरकरलगातारदोवर्षतकलेजातेरहे।वहबतातेहैंकिलगातारपानीदेनेऔररख-रखावकेचलते90केकरीबपौधेबचगएहैं।
सुबहपांचबजेनिकलतेहैं
सुबहआठबजेफैक्ट्रीजानापड़ताहै।इसलिएवहप्रतिदिनसुबहपांचबजेपानीदेनेकेलिएनिकलतेहैं।पानीदेनेकेसाथपौधोंकीदेखरेखभीकरतेहैं।7:30बजेघरलौटनेकेबादड्यूटीपरचलेजातेहैं।वहकहतेहैंकिइनपौधोंकेबड़ेहोनेसेउनकाहौसलाबढ़ाहै,वो200पौधेऔरलगाएंगे,उनकीभीउसीतरहसेदेखरेखकरेंगे।