संवादसूत्र,साल्हावास:करीब3000कीआबादीवालेगांवनौगांवकानामआजदेशभरमेंचरचामेंआगयाहै।75सालपहलेसातसमुंद्रपारएकजवानकेरूपमेंअपनीशहादतदेनेवालेहरिसिंहकीअस्थियांसोमवारकोगांवपहुंचेंगी।हरिसिंहकेभतीजेभीमसिंहकेमुताबिकअस्थियोंकोदिल्लीलायाजाचुकाहै।जहांसेउन्हेंहिसारसेझज्जरलायाजाएगा।यहांजिलासैनिकबोर्डकीटीमकेसाथवेगांवतकपहुंचेंगे।इधर,गांवमेंभव्यस्वागतसमारोहएवंसमारकआदिबनाएजानेकीतैयारियोंजोर-शोरसेचलरहीहै।रविवारकोभीगांवमेंजिसस्थानपरस्मारकबनायाजानाहै,कोजेसीबीआदिसेतैयारकियागया।
गौरतलबहैकिदोदिनपहलेशुक्रवारकोसरपंचरामकिशनकीअध्यक्षतामेंएकपंचायतकाआयोजनहुआथा।जिसमेंगांवकेस्कूलमेंबड़ाकार्यक्रमकरनेकेसाथहीस्मारकआदिबनाएजानेपरभीसभीनेसहमतिव्यक्तकीगई।सैंकड़ोंकीसंख्यामेंमौजूदरहेलोगोंनेएकमतहोतेहुएकहाकिशहीदजैसामान-सम्मानकियाजाएगा।
गौरतलबहैकिहरिसिंहगांवकीमिट्टीकापहलाशहीदहै।जिसकीशहादतकोपहचानपिछलेवर्षअक्टूबरमेंहीमिलीहै।अस्थियांलानेकेलिएइटलीगयाएकदलकाबेसब्रीसेइंतजारकियाजारहाहै।गांवमेंहोरहीचरचाओंकेसाथहरकोईफक्रभीमहसूसकररहाहै।कहनाहैकिगांवमेंसेनामेंतोबड़ीसंख्यामेंलोगआजभीसेवाकररहेहैंऔरयहांसेजुड़ेकाफीसेवानिवृतभीहोचुकेहैं।लेकिनशहादतसेजुड़नेवालापहलानामहरिसिंहकाहै।सरपंचरामकिशनध्यानदासमंदिरकेआशीर्वादकोगांवसेजोड़तेहुएकहतेहैंकिसिद्धस्थानकीकृपासेहीगांवमेंहमेशाबरकतरहीहै।बहरहाल,गांवकीगलियोंसेलेकरचौक-चौराहोंतककेवलइसीबातकाकाजिक्रहै।हरकोईगांवकीमिट्टीमेंबड़ेहुएहरिसिंहकेनामकोआदरसेलेतेहुएउसपलकेइंजतारमेंहै,जोकि75सालकेबादआएगा।चाचाकीयादकेरूपमेंमेडलहीपरिवारकेपासइकलौतीसंपत्तिहरिसिंहकेभतीजेभीमसिंहकेमुताबिकपिताउदयसिंहचाचाकेबारेमेंबतायाकरतेथे।कहतेथेदोनोंनेदेशसेवाकेलिएसेनामेंशामिलहोनेकानिर्णयलियाथा।सन1944केबादजबकोईपतानहींचलपायातोसभीनेसंतोषकरनाहीउचितसमझा।अबपिछलेवर्षजुलाईसेचरचाहोनीशुरूहुई।साथभीमसिंहतकनीकऔरसरकारोंकेस्तरपरबरतीजानेवालीगंभीरताकाभीधन्यवादव्यक्तकरतेहैंकिएकलंबेअंतरालकेबादभीपरिवारसेउसकीजड़ोंकोमिलानेकाजोकामकियाजारहाहै।वहबेशकहीकाबिलेतारीफहै।गौरतलबहैकिइटलीमेंशहीदहुएहरिसिंहअविवाहितथे।परिवारकीदूसरीपीढ़ीकेसदस्योंवपूरेगांवकोशहादतपरगर्वहै।भीमसिंहनेबतायाकिशुक्रवारकोहुईपंचायतमेंसभीनेसम्मानकेसाथकार्यक्रमकरवाएजानेकीसहमतिप्रदानकीहै।चाचाकेनामपरदियागयावारमेडलहीउनकीयादोंसेजुड़ीसंपत्तिपरिवारकेपासशेषहै।