जेएनएन,लुधियाना।भारतमेंविदेशीकंपनियांसालानापचासलाखकरोड़काव्यापारकरतीहैं।इनमेंसबसेज्यादाशेयरचीनकीकंपनियोंकाहै।बीसलाखकरोड़काबड़ाबाजारहथियानेकेबावजूदचीनआजभारतकोडोकलाममेंआंखेंदिखारहाहै।हमारीइसकमीकोहमसबकोसमझनाचाहिए।यहकहनाहैबाबारामदेवका।
रामदेवसराभानगरमेंएककार्यक्रममेंहिस्सालेनेपहुंचेथे।उन्होंनेकहाकिजबतकप्रत्येकनागरिकविदेशीकोत्यागकरस्वदेशीनहींअपनातातबतकऐसीसमस्याएंआतीरहेंगी।इसकेअलावारामदेवनेसरकारकोविदेशीसामानपरइंपोर्टड्यूटीलगानेकीभीसलाहदी।
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रामदेवनेकहाकिपहलेविदेशीशासकोंकोभगायाअबविदेशीकंपनियोंकोभगानाहै।लंबेसंघर्षकेबादहमनेदेशकोविदेशीशासकोंसेमुक्तकरवाया।अबवक्तहैविदेशीकंपनियोंसेदेशकीमुक्तिकी।इसकेलिएप्रत्येकनागरिककोस्वदेशीअपनानाचाहिए।
इससेपूर्व,गतदिवसरामदेवनेचंडीगढ़मेंहरियाणाकेमुख्यमंत्रीमनोहरलालसेमुलाकातकी।बादमेंपत्रकारोंसेबातचीतमेंउन्होंनेकहाकिचीनकोस्वार्थीदेशहै।भारतमेंउसकेसामानकीघटतीखपतसेवहबुरीतरहतिलमिलायाहुआहै।सीमाविवादतोबहानाहै।चीनअपनेआर्थिकहितोंपरप्रतिकूलप्रभावकेचलतेबुरीतरहबौखलायाहुआहै।भारतएकबहुतबड़ाबाजारहैजहांचीनीआइटमकीबिक्रीसेदेशकामोटापैसाचीनचलाजारहाथा।अबउसकेहोशठिकानेआनेलगेहैं।
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